आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "होए"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "होए"
पद
अब इश्क़ का उस के जाम पिया है जो होए सो होए
अब दिन को अपने शाम किया है जो होए सो होएअब हम 'दिलदार' ये काम किया है जो होए सो होए
कवि दिलदार
गूजरी सूफ़ी काव्य
ख़ल्वत जल्वत 'बाजना' तुझ मुझ होए सो होए
ख़ल्वत जल्वत 'बाजना' तुझ मुझ होए सो होएभीं तूँ लो नहीं मेरा तुझ बिन और न कुए
शैख़ बहाउद्दीन बाजन
कलाम
पढ़ पढ़ इलम हज़ार कताबाँ आलिम होए भारे हूहर्फ़ इक इश्क़ दा पढ़ न जाणन भुल्ले फिरन विचारे हू
सुल्तान बाहू
अन्य परिणाम "होए"
गूजरी सूफ़ी काव्य
तुझ एक रूप और भाँती बहोत देख आशिक़ शैदा होए
तुझ एक रूप और भाँती बहोत देख आशिक़ शैदा होए'बाजन' एकी एक सुरेखा नाहीँ सब गए जोए जोए
शैख़ बहाउद्दीन बाजन
गूजरी सूफ़ी काव्य
गधा चरे तो हो दुबला न नखें मोटा होए
गधा चरे तो हो दुबला न नखें मोटा होएन जानो खाए किस दुखों झर-झर पिंजरा होए
शैख़ बहाउद्दीन बाजन
पद
जिस में होए सुखी भला सो कर ले ऐ मधमाता
जिस में होए सुखी भला सो कर ले ऐ मधमाताकहना मेरा दिल में तेरे कुछ भी नहीं समाता
कवि दिलदार
पद
जो कुछ होए सके सो कर ले हैगा गर कुछ तुझको ज्ञान
जो कुछ होए सके सो कर ले हैगा गर कुछ तुझको ज्ञानदुनिया है मेज़बान तुम्हारी तुम हो दुनिया के मेहमान
कवि दिलदार
गूजरी सूफ़ी काव्य
नैनो की ज्योत पिउ होए मेरा नैनों उपर है फूल तूँ
नैनो की ज्योत पिउ होए मेरा नैनों उपर है फूल तूँक्यूँ-कर पिया देखेगा तूँ मुझ से तू छे कितना भला
पीर सय्यद मोहम्मद अक़दस
दोहरा
जग्ग पर जीवन बाज्ह प्यारे होया मुहाल असानूं
बाग़ तमाशे खेडन हसन होए ख़ाब असानूंजावन दुख़ मुहम्मद जिस दिन होए जमाल असानूं
मियां मोहम्मद बख़्श
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
आग दिए वह होए रूख। पानी दिए वह जावे सूख।।– अनार (आतिशबाजी)