आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ba-sar-o-chashm"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "ba-sar-o-chashm"
फ़ारसी कलाम
ग़ैरत अज़ चश्म बरम रु-ए-तू दीदन न-देहमगोश रा नीज़ हदीस-ए-तू शुनीदन न-देहम
बू अली शाह क़लन्दर
फ़ारसी कलाम
दिल-बर-ए-मस्तान: रा चश्म ब-रु-ए-कि बूदबाद: ज़े दस्त-ए-कि ख़ुर्द मस्त ब-बू-ए-कि बूद
अहमद जाम
फ़ारसी कलाम
हाशा लिल्लाह कज़ रुख़त चश्म अफ़्गनम सू-ए-दिगरख़ुश नमी-आयद ब-जुज़ रू-ए-तूअम रू-ए-दिगर
नूरुद्दीन हिलाली
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "ba-sar-o-chashm"
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ब-रौ ऐ तबीबम अज़ सर कि ख़बर ज़े-सर न-दारमब-ख़ुदा रहा कुनम जान कि ज़े-जान ख़बर न-दारम
हाफ़िज़
ग़ज़ल
ऐ दोस्तो चश्म को खोल ज़रा देखो कैसा है माह-ए-लक़ाबे-शक है मोहम्मद नूर-ए-ख़ुदा शुबहा न कर इस में असला
मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दमे बा-ग़म ब-सर बुर्दन जहाँ यकसर नमी-अर्ज़दबा-मय ब-फ़रोश दल्क़-ए-मा कजीं बेहतर नमी-अर्ज़द
हाफ़िज़
शे'र
अदब से सर झुका कर क़ासिद उस के रू-ब-रू जानानिहायत शौक़ से कहना पयाम आहिस्ता आहिस्ता
अज़ीज़ सफ़ीपुरी
कलाम
चश्म में ख़ल्क़ की गो मिस्ल-ए-हबाब आता हूँऐ'न-ए-दरिया हूँ हक़ीक़त में बहा जाता हूँ
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
चश्म नर्गिस बन गई है इश्तियाक़-ए-दीद मेंकौन कहता है कि गुलशन में तिरा चर्चा नहीं
मिरर्ज़ा फ़िदा अली शाह मनन
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
तुर्क-ए-सफ़ेद-रूए- व सियह-चश्म-ओ-लालः-रंगमिस्लत नज़ाद मादर-ए-अय्याम शोख़-ओ-शंग