आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chashm-e-rahmat"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "chashm-e-rahmat"
ग़ज़ल
ऐ दोस्तो चश्म को खोल ज़रा देखो कैसा है माह-ए-लक़ाबे-शक है मोहम्मद नूर-ए-ख़ुदा शुबहा न कर इस में असला
मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी
फ़ारसी कलाम
ज़ रहमत कुन नज़र बर हाल-ए-ज़ारम या रसूल-अल्लाहग़रीबम बे-नवायम ख़ाक-सारम या रसूल-अल्लाह
जामी
ना'त-ओ-मनक़बत
अ'ब्दुल सत्तार नियाज़ी
अन्य परिणाम "chashm-e-rahmat"
फ़ारसी कलाम
ग़ैरत अज़ चश्म बरम रु-ए-तू दीदन न-देहमगोश रा नीज़ हदीस-ए-तू शुनीदन न-देहम
बू अली शाह क़लन्दर
फ़ारसी कलाम
हाशा लिल्लाह कज़ रुख़त चश्म अफ़्गनम सू-ए-दिगरख़ुश नमी-आयद ब-जुज़ रू-ए-तूअम रू-ए-दिगर
नूरुद्दीन हिलाली
ना'त-ओ-मनक़बत
तेरी रहमत का तसव्वुर ही 'अता हो जानातेरा दर छोड़ के जाना तो ख़ता हो जाना
सय्यद अमजद हुसैन
ना'त-ओ-मनक़बत
जनाब-ए-रहमत-ए-आ'लम की रहमत का वसीला हैख़ुदा जिन पर है शैदा उन की उल्फ़त का वसीला है
ग़ौसी शाह
कलाम
मुर्शिद मैनूँ हज्ज मक्के दा रहमत दा दरवाज़ा हूकराँ तवाफ़ दुआले क़िबले हज्ज होवे नित्त ताज़ा हू
सुल्तान बाहू
ना'त-ओ-मनक़बत
डूबती नाव को रहमत का सहारा दे देना-ख़ुदा मुझ को मदीने का किनारा दे दे
अ'ब्दुल सत्तार नियाज़ी
कलाम
ज़ुहूर-ए-नूर-ए-रहमत है तमाम अतराफ़ का'बा मेंक़लम क्या ख़ाक उठाएगा कोई औसाफ़ का'बा में
हाजी वारिस अली शाह
कलाम
चश्म में ख़ल्क़ की गो मिस्ल-ए-हबाब आता हूँऐ'न-ए-दरिया हूँ हक़ीक़त में बहा जाता हूँ
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
चश्म नर्गिस बन गई है इश्तियाक़-ए-दीद मेंकौन कहता है कि गुलशन में तिरा चर्चा नहीं
मिरर्ज़ा फ़िदा अली शाह मनन
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
तुर्क-ए-सफ़ेद-रूए- व सियह-चश्म-ओ-लालः-रंगमिस्लत नज़ाद मादर-ए-अय्याम शोख़-ओ-शंग