आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chor"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "chor"
दोहा
'औघट' घट में प्राण बसे और प्राण बीच इक चोर
'औघट' घट में प्राण बसे और प्राण बीच इक चोरजो पकड़े उस चोर को वो जोगी बर जोर
औघट शाह वारसी
दोहा
रहिमन को कोउ का करै ज्वारी चोर लबार
रहिमन को कोउ का करै ज्वारी चोर लबारजो पत-राखनहार हैं माखन-चाखनहार
रहीम
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "chor"
ग़ज़ल
चित चोर लियो मन मोह लियो किरपा जो भई मो पे साजन कीभई मैं तो दीवानी ऐ री सखी छब देख के वा के नैनन की
मंज़ूर आरफ़ी
शे'र
मुझ से लगे हैं इ'श्क़ की अ'ज़्मत को चार चाँदख़ुद हुस्न को गवाह किए जा रहा हूँ मैं
जिगर मुरादाबादी
कलाम
आक़िल रेवाड्वी
दोहा
बीज बिरछ नहिं दोय हैं रूई चीर नहीं दोय
बीज बिरछ नहिं दोय हैं रूई चीर नहीं दोयदध तरंग नहीं दोय हैं बूझो ज्ञानी लोय
बरकतुल्लाह पेमी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
चे बाशद चारः-ए-'आशिक़ ब-जुज़ दीवानगी कर्दनचे बाशद नाज़-ए-मा'शूक़ाँ ब-जुज़ बेगानगी कर्दन
रूमी
ग़ज़ल
जैसे मरीज़-ए-ग़म कोई हो चारा-गर के सामनेमैं तुझ को देखता रहूँ तू हो नज़र के सामने
ख़्वाजा शायान हसन
कलाम
फिरे ज़माना में चार जानिब निगार-ए-यकता तुम ही को देखाहसीन देखे जमील देखे व-लेक तुम सा तुम ही को देखा
अज्ञात
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ ज़दः नाविकम ब-जाँ यक दो सेह चार-ओ-पंच-ओ-शिशकुश्त: चू बंद: हर ज़माँ यक दो सेह चार-ओ-पंच-ओ-शिश