आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "havas"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "havas"
मुख़म्मस
ये हिर्स-ओ-हवस की मंडी है अनमोल रतन बिक जाते हैंमहलों के परख़च्चे उड़ते हैं धनवान के धन बिक जाते हैं
नाज़ाँ शोलापुरी
ग़ज़ल
हवस आख़िर हवस ठहरी हवस का ज़िक्र ही क्या हैमगर जब इशक हो जाता है फिर वो कम नहीं होता
कामिल शत्तारी
समस्त