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होरी
मन-मोहन प्यारो मोहि बिरहन तज देओ रे
मन-मोहन प्यारो मोहि बिरहन तज देओ रेपहले तो बाँकी आन दिखा के मन मेरो हर लेओ रे
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
फ़ारसी कलाम
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
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पद
महल बनाया ऊँचा सा और चार तरफ़ से घेरा है
महल बनाया ऊँचा सा और चार तरफ़ से घेरा हैतकया दे मसनद पर बैठा ये जाना घर मेरा है
कवि दिलदार
पद
जीव महल में सिव पहुनवाँ कहाँ करत उनमाद रे
जीव महल में सिव पहुनवाँ कहाँ करत उनमाद रेपहुँचा देवा करिलै सेवा रैन चली आवत रे
कबीर
साखी
चेतावनी का अंग - इस माटी के महल में नातर कीजै मोद
इस माटी के महल में नातर कीजै मोदराव रंक सब चलेंगे आपे कूँ ले सोध
गरीब दास
पद
भ्रम का ताला लगा महल रे प्रेम की कुंजी लगाव
भ्रम का ताला लगा महल रे प्रेम की कुंजी लगावकपट-किवड़िया खोल के रे यहि बिधि पिय को जगाव
कबीर
राग आधारित पद
राग कान्हरा- शट तज नाव जगत सँग राचो
शट तज नाव जगत सँग राचोजिहि करण बहुस्वांग कछे हैं