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पद
मेरी माधव चरन सु प्रीत
मेरी माधव चरन सु प्रीत
जो चाहे सो मुक्ति धंडे मैं चाहूँ रति रीत
गुलाब राय महाराज
पद
दिल की दिलमो रहि गयी बात अबि है बनि परभात
दिल की दिलमो रहि गयी बात अबि है बनि परभात
ग्यान रैन की रहा छुपाई साजन की मिलकात
अनंत महाराज
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दोहा
अब तीरथ गुरु के चरन नित ही परवी होय
अब तीरथ गुरु के चरन नित ही परवी होय
'सहजो' चरनोदक लिये पाप रहत नहिं कोय
सहजो बाई
पद
कठिन पंथ संतों का मारग सतगुरु शब्द सुनाया तारग
कठिन पंथ संतों का मारग सतगुरु शब्द सुनाया तारग
पाँवर जीव कील में केता सतगुरु शरणै आया जेता
भाऊदास जी
दोहा
विनय मलिका - टेर सुनी प्रहलाद की नरसिंह हो बनि आय
टेर सुनी प्रहलाद की नरसिंह हो बनि आय
हिरनाकुस को मारि कै जन को लीन बचाय
दया बाई
पद
प्रकीर्ण के पद - मोरे तो मन राम-चरण सुख-दाई
मोरे तो मन राम-चरण सुख-दाई
जिन चरणन सों निकसी सुरसरि शंकर जटा समाई
मीराबाई
राग आधारित पद
राग भैरव चौताल - बानी चारौं के व्यौहार सुनि लीजै हो गुनीजन
बानी चारौं के व्यौहार सुनि लीजै हो गुनीजन
तब पावै यह विद्या-सार
तानसेन
पद
चरन चलौ श्रीवृन्दावन मग जहँ मुनि अलि पिक कीर
चरन चलौ श्रीवृन्दावन मग जहँ मुनि अलि पिक कीर
कर तुम करौ करम कृष्णार्पण अहँकार तजि धीर
जुगल प्रिया
दोहा
अड़सठ तीरथ गुरु चरण परवी होत अखंड
अड़सठ तीरथ गुरु चरण परवी होत अखंड
'सहजो' ऐसो धाम ना सकल अंड ब्रह्मंड
सहजो बाई
दोहा
सद्गुरुमहिमा - कर जोरूं प्रणाम कारि धरूँ चरन पर सीस
सद्गुरुमहिमा - कर जोरूं प्रणाम कारि धरूँ चरन पर सीस
दादा गुरु सुखदेव जी पूरण विश्वा बीस