आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आँगन"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "आँगन"
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी क़व्वाली के विभिन्न प्रकार
सजन सजन तन सजन मिलाव राइस आँगन में उस आँगन में
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
सूरदास का वात्सल्य-निरूपण, डॉ. जितेन्द्रनाथ पाठक
मनिमय कनक नन्द कै आँगन निज प्रतिबिम्ब पकरिवे धावत।सिखवत चलन जसोदा मैया।
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
सूर का वात्सल्य-चित्रण, डॉक्टर सोम शेखर सोम
मनिमय कनक नंद कैं आँगन बिंब पकरिवै धावत।।कबहुँ निरखि हरि आपु छाँह कौं कर सौं पकरन चाहत।
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
सूर के माखन-चोर- श्री राजेन्द्रसिंह गौड़, एम. ए.
इन अँखियन आगै ते मोहन, एकौ पल जनि होहु नियारे। औरौ सखा बुलाइ आपने, इहि आँगन खेलो मेरे बारे।।
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
कुतुबनकृत मृगावती के तीन संस्करण- परशुराम चतुर्वेदी
‘आइ सखी घर कीत अँजोरा। चाँद चउद्दसि भए उन भयेरा।घर आँगन भरि रहा अँजोंरा। दिनकर काज करहि निसि भोरा।