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सूफ़ी लेख
चरणदासी सम्प्रदाय का अज्ञात हिन्दी साहित्य - मुनि कान्तिसागर - Ank-1, 1956
अखैराम के सतगुरु, गुरु छौना सखकंद। चिंता टारन भै हरन, मेटत सब दुख दंद।।10।।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
औरहिं चिंता करन दे, तू मति मारे आह।जा के मोदी राम से, ताहि कहा परवाह।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
औरहिं चिंता करन दे, तू मति मारे आह। जा के मोदी राम से, ताहि कहा परवाह।।
परशुराम चतुर्वेदी
सूफ़ी लेख
उमर ख़ैयाम श्रीयुत इक़बाल वर्मा, सेहर
मेरे दुःख भरे हुए सीने पर दया कर। मेरे बंदी जान ये दिल पर दया कर।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अबुलफजल का वध- श्री चंद्रबली पांडे
कहना न होगा कि यह राजकुमार वही वीरसिंहदेव है जिसको इतिहासकार इस अवस्था में भी राजा
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
फिर हज़रत हमसे कहने लगे- ध्यान दो, एक अजनबी यहाँ आया और कहने लगा- आप दुनियाँ
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
एक दिन शैख़ फ़रीदुद्दीन अ’त्तार अपनी दुकान पर बैठे हुए थे। कहीं से एक फ़क़ीर वहां
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
संत कबीर की सगुण भक्ति का स्वरूप- गोवर्धननाथ शुक्ल
भावित भक्तों की भाँति कबीर की तुष्टि प्रियतम के दर्शन मात्र से ही हो जाती है।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
समर्थ गुरु रामदास- लक्ष्मीधर वाजपेयी
बालक नारायण ने जब हनुमान-दर्शन का समाचार अपनी माता राणूबाई और अपने जेठे भाई श्रेष्ठजी से
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
शाहजहाँ में इस्लाम की धार्मिक कट्टरता और अकबर के समय की अपूर्व उदारता का एक विचित्र
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह
शाहजहाँ में इस्लाम की धार्मिक कट्टरता और अकबर के समय की अपूर्व उदारता का एक विचित्र
अविनाश कुमार श्रीवास्तव
सूफ़ी लेख
जायसी का जीवन-वृत्त- श्री चंद्रबली पांडेय एम. ए., काशी
बाल-बच्चे तथा आपजायसी केवल विवाहित ही नहीं थे, उनके बाल-बच्चे भी थे। कहा जाता है कि
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अमीर खुसरो- पद्मसिंह शर्मा
“मैं अहल-ए-ज़बान का पैरो (अनुयायी) हूं और हिन्दियों में सिवा अमीर खु़सरो देहलवी के सब का