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हकीम सय्यद शाह तक़ी हसन बल्ख़ी
बक़ा किसी को नहीं इस जहान-ए-फ़ानी मेंरहेगा हम में से क्या कोई जब नबी न रहे
अब्सार बल्ख़ी
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ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह अहमद हुसैन चिश्ती शैख़पूरवी
हज़रत शाह अहमद हुसैन चिश्ती 1272 हिज्री में पैदा हुए और 14 रबी उल अव्वल 1341
रय्यान अबुलउलाई
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Jamaali – The second Khusrau of Delhi (जमाली – दिल्ली का दूसरा ख़ुसरो)
शेख़ जमाली ने 10 ज़िल्क़ादह 1535/36 AD को इस जहान-ए-फ़ानी का परित्याग कर दिया.उनका देहांत गुजरात
सुमन मिश्र
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औघट शाह वारसी और उनका कलाम
औघट शाह वारसी साहब अपने पिता के आदेश पर क़रीब बारह वर्षों तक भ्रमण करते रहे
सुमन मिश्र
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ग्रामोफ़ोन क़व्वाली
1992 में उन की तबीअ’त ख़राब हुई और इसी साल 8 अक्टूबर को अ’ज़ीज़ नाज़ाँ इस
सुमन मिश्र
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क़व्वाली का ‘अह्द-ए-ईजाद और मक़्सद-ए-ईजाद
क़व्वाली की ईजाद अमीर ख़ुसरो के ‘अह्द-ए-हयात 1253 ता 1325 के ठीक दरमियान का ‘अह्द है,
अकमल हैदराबादी
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महफ़िल-ए-समाअ’ और सिलसिला-ए-वारसिया
अ’रबी ज़बान का एक लफ़्ज़ ‘क़ौल’ है जिसके मा’नी हैं बयान, गुफ़्तुगू और बात कहना वग़ैरा।आ’म
डॉ. कबीर वारसी
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क़व्वाली का अहद-ए-ईजाद और समाजी पस-ए-मंज़र
मूजिद-ए-क़व्वाली हज़रत अमीर ख़ुसरो का ‘अह्द इब्तिदा-ए-इस्लाम और मौजूदा ‘अह्द के ठीक दरमियान का ‘अह्द है
अकमल हैदराबादी
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सूफ़िया-ए-किराम और ख़िदमात-ए-उर्दू - सय्यद मुहीउद्दीन नदवी
आज दुनिया बजा तौर पर उन मुबारक हस्तीयों पा नाज़ कर सकती है जिन्हों ने इ’मादुद्दीन
सूफ़ीनामा आर्काइव
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बक़ा-ए-इंसानियत के सिलसिला में सूफ़िया का तरीक़ा-ए-कार- मौलाना जलालुद्दीन अ’ब्दुल मतीन फ़िरंगी महल्ली
बात की इब्तिदा तो अल्लाह या ईश्वर के नाम ही से है जो निहायत मेहरबान और