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सूफ़ी लेख
बिहार के प्रसिद्ध सूफ़ी शाइर – शाह अकबर दानापुरी
पी के हम तुम जो चले झूमते मयख़ाने सेझुक के कुछ बात कही शीशे ने पैमाने से
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
बिहार में क़व्वालों का इतिहास
पी के हम तुम जो चले झूमते मयख़ाने सेझुक के कुछ बात कही शीशे ने पैमाने से
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा गेसू दराज़ बंदा-नवाज़ - प्रोफ़ेसर सय्यद मुबारकुद्दीन रिफ़्अ’त
एक-बार अपने दौर के मशाइख़ का ज़िक्र चला तो फ़रमाया।आज-कल के मशाइख़ अपने नाम-वर बाप की
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत मख़दूम अहमद चर्म-पोश
इसलिए: शैख़ हुसैन मह्सवी ने मोटा कपड़ा (धक्कड़) ख़रीद लिया और शैख़ अहमद ने चमड़ा ले
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
क़व्वाली और अमीर ख़ुसरो – अहमद हुसैन ख़ान
मुश्ते नमूना अज़ ख़रवारे, इन हवालों के अ’लावा मुतअ’द्दिद वाक़िआ’त गाने के जवाज़ में मिलते हैं।फिर
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
अम्माँ मैं तुम्हारा मतलब समझ गया, सैर की तारीख़ मुक़र्रर हो गई है। आज दस है