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सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
अरे मन मुझे बोल तेरा ठिकानाकहाँ सूं हुआ है यहाँ तेरा आना
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
E.मिर्ज़ा रसूल बेग करमदर्द इक पैदा हुआ दिल बे-ठिकाना हो गया
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
अरे मन मुझे बोल तेरा ठिकानाकहाँ सूं हुआ है यहाँ तेरा आना
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
पदमावत के कुछ विशेष स्थल- श्री वासुदेवशरण
(3) सांठि=पूँजी, ठिकाना। सं. संस्था।(4) बंध=बंधु, आत्मीय। कंध=स्कंध, कंधा, टेक, सहारा।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत कबीर की सगुण भक्ति का स्वरूप- गोवर्धननाथ शुक्ल
दिखै न पंथ मिलै नहिं पछी ढूँढ़त और ठिकाना।। कोऊ ठहरावै शून्यक कीन्हा जोति एक परमाना।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संतों के लोकगीत- डॉ. त्रिलोकी नारायण दीक्षित, एम.ए., पी-एच.डी.
यह संसार झाड और झाखर आग लगे बरि जाना है। कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है।
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई-संबंधी साहित्य (बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर, बी. ए., काशी)
कृषअणदत्त का क्रम छठा क्रम कृष्णदत्त कवि ने संवत् 1782 में लगाकर उस पर कवित्तबंध टीका की।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो के अ’हद की देहली - हुस्नुद्दीन अहमद
” एक ज़माना में मेरा ठिकाना क़िबला-ए-इस्लाम देहली था जो तमाम दुनिया के बादशाहों का क़िबला
मुनादी
सूफ़ी लेख
सन्यासी फ़क़ीर आंदोलन – भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम
इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले मलंग दीवानगान-ए-आतिशी से बावस्ता थे ।यह सिलसिला मदारिया की एक
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
हिंदी उर्दू का भी यही हाल है। नागरी प्रचारणी सभा बनारस की हिंदी डिक्शनरी में छः