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सूफ़ी लेख
बाबा फ़रीद के श्लोक- महमूद नियाज़ी
मोहमद चले दसावरी अव्वल पाँचा बंदसाँप चोर बाग भरया चारों रस्ते बंद
मुनादी
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
– ईंट(51) बांसबरेली से एक नारी। आई अपने बंद कटारी।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
-ईंट (51) बांसबरेली से एक नारी। आई अपने बंद कटारी।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
मौलाना शरफ़ुद्दीन तवामा हिन्दुस्तान के उ’लमा में इस क़द्र मशहूर थे कि उनके इ’ल्म में किसी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
"है शहर-ए-बनारस की फ़ज़ा कितनी मुकर्रम"
खई के पान बनारस वालाखुल जाए बंद अ’क़ल का ताला
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
हाजी वारिस अ’ली शाह का पैग़ाम-ए-इन्सानियत - डॉक्टर सफ़ी अहमद काकोरवी
अज़ मोहब्बत मुर्द: ज़िंद: मी-शवदवज़ मोहब्बत शाह बंद: मी-शवद
मुनादी
सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
दुख़तर-ए-तरसा चु बुर्क़ा बर गिरफ़्त ।बंद बन्द-ए-शैख़ आतिश दर गिरफ़्त ।।
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : ख़्वाजा अमजद हुसैन नक़्शबंदी
ज़मीनम रा ज़े लुत्फ़े आसमां कुनदिलम फ़ारिग़ ज़े बंद ए ई ओ आँ कुन
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
अगर न-बंद:-नवाज़ी अज़ आँ तरफ़ बूदेमन ईं शुक्र न-फ़िरिस्तादमें ब-ख़ोज़िस्तान
एजाज़ हुसैन ख़ान
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बू-अ’ली शाह क़लंदर
ऐ गिरफ़्तार आमदी दर बंद-ए-नफ़्सनफ़्स-ए-काफ़िर रा ब-कुश ब-शिकन क़फ़स
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
कदर पिया- श्री गोपालचंद्र सिंह, एम. ए., एल. एल. बी., विशारद
हम दोनों तो बंद थे, किसने वहाँ फँसाया।। दिल- अपनी अपनी बीती कहौ, औ सारी कथा सुनाओ।