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सूफ़ी लेख
बाबा फ़रीद शकर गंज
कई आदमियों के ज़ख़्म-ख़ुर्दा सर और ज़रर-रसीदा आँखें उस रात के गुज़र जाने के बा’द कई
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
क़व्वाली और अमीर ख़ुसरो – अहमद हुसैन ख़ान
ख़ुश-इल्हानी से हज़रत दाऊद ने पानी, परिंद, और पहाड़ों पर हुकूमत की। अर्वाह से अल्लाह तआ’ला
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
बिहार के प्रसिद्ध सूफ़ी : मख़दूम मुनएम पाक
पटना हर ज़माने में सूफ़ियों और संतों का बड़ा केंद्र रहा है। यहाँ बड़े-बड़े सूफ़ियों की
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
कबीर द्वारा प्रयुक्त कुछ गूढ़ तथा अप्रचलित शब्द पारसनाथ तिवारी
(12-13) धौल तथा गड़रीपद 114.3, धौल मंदलिया बैल खाली कउवा ताल बजावै। तथा पंक्ति 7, कहे
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीरपंथी और दरियापंथी साहित्य में माया की परिकल्पना - सुरेशचंद्र मिश्र
मदन साहब ने माया की उपमा एक ऐसी नाउन से दी है जो वेश परिवर्तन कर
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
भला जमुना ऐसी भरपूर चले और दिल्ली वाले चुपके बैठे रहें, ढंडोरा पिट गया कि कल