आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बर"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "बर"
सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
अबरुयश बर माह ताके बस्ता बूद ।
मरदुमे बर ताक़-ए-ऊ बनिशिस्ता बूद ।।
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
तारीख़-ए-वफ़ात निज़ामी गंजवी
न बस रोज़गारे बर ईं बर गुज़िश्त
कि तारीख-ए-उ’म्रश वरक़ दर नविश्त
क़ाज़ी अहमद अख़्तर जूनागढ़ी
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बू-अ’ली शाह क़लंदर
दिहेम-ए-ख़ुसरवाँ बर ना’ल-ए-उश्तरस्त
ख़ुसरो कसे कि हल्क़ा-ए-तजरीद बर सरस्त
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
दो अंदर्ज़ फ़रमूद बर रू-ए-आब
यके आँ कि बर ग़ैर बद-बीं म-बाश
एजाज़ हुसैन ख़ान
सूफ़ी लेख
उ’र्फ़ी हिन्दी ज़बान में - मक़्बूल हुसैन अहमदपुरी
10۔ म-देह अ’नान-ए-तअ’ल्लुक़ ब-दस्त-ए-हर ज़र्र:
बर आर दस्ते वो बर दोश-ए-आफ़्ताब अंदाज़
ज़माना
सूफ़ी लेख
लिसानुल-ग़ैब हाफ़िज़ शीराज़ी - मोहम्मद अ’ब्दुलहकीम ख़ान हकीम।
चू आफ़्ताब-ए-मय अज़ मश्रिक़-ए-पियालः बर आयद
ज़े-बाग–ए-आ’रिज़-ए-साक़ी हज़ार लाल: बर आयद
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बुर्हानुद्दीन ग़रीब
दस्त अज़ तलब न-दारम ता कार-ए-मन बर आयद
या जाँ रसद ब-जानाँ या जाँ ज़े-तन बर आयद
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह वजीहुद्दीन अलवी गुजराती
’अर्श बर तरह कर्द अज़ हिम्मत
बर सर-ए-क़ब्र-ए-मुर्शिद-ए-कामिल
मआरिफ़
सूफ़ी लेख
चिश्तिया सिलसिला की ता’लीम और उसकी तर्वीज-ओ-इशाअ’त में हज़रत गेसू दराज़ का हिस्सा
बर कारे इत्तिफ़ाक़ कर्दंद
चूँ आँ कार बा तमाम रसीद
ख़लीक़ अहमद निज़ामी
सूफ़ी लेख
फ़िरदौसी - सय्यद रज़ा क़ासिमी हुसैनाबादी
आफ़रीं बर रवान-ए-फ़िरदौसी
आँ सुख़न-आफ़रीन–ए-फ़र्ख़ंदः
ज़माना
सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
मी-कुनद बर महर-ए-रुयश ताज़ः इक़रारे दिगर
नियाज़ बेनियाज़
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी क़व्वाली के विभिन्न प्रकार
मुँह माँगे बर संग है री
सजन मिलावरा इस आँगन मा
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ फ़ख़्रुद्दीन इ’राक़ी रहमतुल्लाह अ’लैह
1
आ’शिक़ाँ चूँ बर दर-ए-दिल हल्क़ा-ए-सौदा ज़नन्द
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई-संबंधी साहित्य (बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर, बी. ए., काशी)
चंद ब्रहमंड उतरात बिधु बर तैँ।।
सरद-जुन्हाई जन्हुधार सहसा सुधाई,
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
कि देवत हस्त बर जाए सुलैमान
अगर आरी ब-दस्त अंगुश्तरी बाज़