आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बादशाह"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "बादशाह"
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत हसन जान अबुल उलाई
बादशाह आते हैं पाबोस ए गदा के वास्ते(शाह अकबर दानापुरी)
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
फ़ारसी लिपि में हिंदी पुस्तकें- श्रीयुत भगवतदयाल वर्मा, एम. ए.
बादशाह के पूर्व-पुरूष जिन पुरखन के बंस मे, उपज्यो साहजहान।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
उ’र्स-ए-बिहार शरीफ़
ब-अ’ह्द-ए-बादशाह-ए-अ’द्ल-परवरशहनशाह-ए-जहाँ फ़ीरोज़ शाह आँ कि
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
आस्ताना-ए-ख़्वाजा ग़रीब-नवाज़ में ख़ुद्दाम साहिब-ज़ादगान, सय्यिद-ज़ादगान औलाद-ए-हज़रत ख़्वाजा सय्यिद फ़ख़्रुद्दीन गर्देज़ी
(17) तुज़्क-ए-जहाँगीरी अज़ नुरुद्दीन जहाँगीर बादशाह(18) फ़ैसला सुप्रीमकोर्ट, ए,आई, आर4102(1961)
आतिफ़ काज़मी
सूफ़ी लेख
शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
सू-ए-दर-ए-वज़ीर चरा मुल्तफ़ित शवमचूँ फ़ारिग़म ज़े बागह-ए-बादशाह नीज़
एजाज़ हुसैन ख़ान
सूफ़ी लेख
हज़रत मुल्ला बदख़्शी- पंडित जवाहर नाथ साक़ी देहलवी
ज़िल्लुल-हक़ गुफ़्त ईं रा हक़ गुफ़्तबादशाह ख़ामोश हो गया और ये क़ज़ीया ख़त्म हो गया।
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह बर्कतुल्लाह ‘पेमी’ और उनका पेम प्रकाश
मुहम्मद शाह (1719-1748 AD)हज़रत किसी बादशाह के दरबार में नहीं गए न ही उनसे कोई उपहार
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
शाह अकबर दानापुरी और “हुनर-नामा”
बादशाह-ए-दो-जहाँ जान-ए-अ’रब फ़ख़्र-ए-अ’जमजिनके दर पर हैं सलातीन-ए-जहाँ के सर ख़म
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
Sheikh Naseeruddin Chiragh-e-Dehli
जब बादशाह और शेख़ भोजन समाप्त कर चुके तब सुल्तान के आदेशानुसार टंकों की एक थैली,
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
Jamaali – The second Khusrau of Delhi (जमाली – दिल्ली का दूसरा ख़ुसरो)
(इस विशाल समुद्र में खड़े रहने की मेरी ताक़त अब जवाब दे रही है,इस बूढ़े आदमी
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
अबुलफजल का वध- श्री चंद्रबली पांडे
तात्पर्य यह कि केशव के प्रमाण पर यह सिद्ध नहीं होता कि जहाँगीर ने दूर से
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
बक़ा-ए-इंसानियत के सिलसिला में सूफ़िया का तरीक़ा-ए-कार- मौलाना जलालुद्दीन अ’ब्दुल मतीन फ़िरंगी महल्ली
देखा आपने एक सूफ़ी जिसको ख़्वाब की ता’बीर का इ’ल्म अल्लाह तआ’ला फ़रमाता है वो अपनी