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सूफ़ी लेख
हज़रत मौलाना शाह हिलाल अहमद क़ादरी मुजीबी
आपका यूँ रुख़्सत हो जाना किसी एक शोबे की कड़ी का टूट जाना नहीं है बल्कि
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
सूफ़ी ‘तुराब’ के कान्ह कुँवर (अमृतरस की समीक्षा)
हज़रत तुराब काकोरवी जब श्रीकृष्ण को अपने पीर या महबूब की शक्ल में पेश कर पाते
बलराम शुक्ल
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा साहब पर क्या कहती हैं पुरानी किताबें?
ये रिसाले कम पन्नों पर प्रकाशित होते थे। बा’ज़ तो ख़्वाजा साहब की शान में चंद
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
बेदम शाह वारसी और उनका कलाम
प्रसिद्ध सूफ़ी विद्वान् ख्व़ाजा हसन निज़ामी फरमाते हैं कि बेदम का तख़ल्लुस ही पूरा ग्रन्थ है
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी
ये बड़े लोगों की बड़ी बात थी।हम सबकी दुआ’ तो रहे कि अल्लाह तआ’ला ने हुज़ूर
ख़्वाजा हसन सानी
सूफ़ी लेख
तजल्लियात-ए-सज्जादिया
अब मैं इस ख़ानक़ाह की इ’ल्म-दोस्ती की कुछ मिसालें पेश करना चाहता हूँ। बिशनपुर ज़िला’ किशनगंज
अहमद रज़ा अशरफ़ी
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती अजमेरी - आ’बिद हुसैन निज़ामी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो के अ’हद की देहली - हुस्नुद्दीन अहमद
इब्न-ए-बतूता अमीर ख़ुसरो के इंतिक़ाल के सिर्फ़ नौ साल बा’द 1334 ई’स्वी में देहली आए थे।उनके
मुनादी
सूफ़ी लेख
ग्रामोफ़ोन क़व्वाली
क़व्वाली का सबसे रोचक पक्ष ये है कि हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी तहज़ीब की जब नीव डाली
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
लखनऊ का सफ़रनामा
आज 9 नवंबर मंगल की सुब्ह है ।चाय पी कर हम लोग हज़रतगंज की तरफ़ रवाना
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
सय्यद शाह शैख़ अ’ली साँगड़े सुल्तान-ओ-मुश्किल-आसाँ - मोहम्मद अहमद मुहीउद्दीन सई’द सरवरी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
क़व्वालों के क़िस्से
क़व्वाली का सबसे रोचक पक्ष यह है कि हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी तहज़ीब की जब नीव डाली
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
शाह तुराब अली क़लंदर और उनका काव्य
सूफ़ी-संतों के योगदान को अगर एक वाक्य में लिखना हो तो हम कह सकते हैं कि