आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मसलन"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "मसलन"
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शैख़ शर्फ़ुद्दीन अहमद यहया मनेरी
न-दारद ईं चुनीं साहिब जमालेचंद दोहे और हिंदी फ़िक़्रे ज़बान ज़द-ए-अ’वाम हैं मसलन-
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ अहमद नियाज़ बरेलवी (इस्तिदराक)
‘’हज़रत शाह साहब को हदीस-ए-नबवी में ख़ुसूसी उ’बूर हासिल था, जिसका दर्स वो तमाम उ’म्र देते
डॉ. अय्यूब क़ादरी
सूफ़ी लेख
क़व्वाली में बाज़ाबता राग हैं
समा’अ में महज़ ख़ुश-अल्हानी की इजाज़त है और क़व्वाली राग रागनियों पर मुश्तमिल है, मसलन क़व्वाली
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ अबुल हसन अ’ली हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैहि
हज़रत शैख़ अबुल अ’ब्बास अशकानी का ज़िक्र एक जगह और करते हुऐ तहरीर फ़रमाते हैं, कि
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
शैख़ सलीम चिश्ती
जब आप बग़दाद में आए तो मज़ार-ए-पाक हज़रत ग़ौसुल-आ’ज़म की जानिब से अ’लावा फ़्यूज़-ए-बातिनी के सफ़ेद
ख़्वाजा हसन निज़ामी
सूफ़ी लेख
गुजरात के सूफ़ी कवियों की हिन्दी-कविता - अम्बाशंकर नागर
इनके जीवन के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त नहीं होती। ये औरंगजेब के अहद हि. सन्
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
समाअ’ और आदाब-ए-समाअ’- मुल्ला वाहिदी देहलवी
दूसरा ख़याल वक़्त का होना चाहिए।मसलन नमाज़ के वक़्त समाअ’ का क्या काम।तीसरा ख़याल मकान का
मुनादी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह अहमद हुसैन चिश्ती शैख़पूरवी
आप अपने वालिद हज़रत शाह शुजाअत हुसैन (मुतवफ़्फ़ा 1308 हिज्री)के हुक्म पर हज़रत शाह अता हुसैन