आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रिश्ता"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "रिश्ता"
सूफ़ी लेख
जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया ने फ़रमाया- इस जहाँ में जब कोई रिश्ता टूटता है तो ख़ुदा उसके
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
अस्मारुल-असरार - डॉक्टर तनवीर अहमद अ’ल्वी
समुंदर हरकत में आता है तो उसे मौज का नाम दिया जाता है और जब दरिया
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह नियाज़ बरेलवी की शाइरी में इरफान-ए-हक़
ग़ज़ल के इन अश्‘आर में आशिक़ाना कैफ़-ओ-सुरुर के साथ 'महबूब-ओ-मतलूब’ की तस्वीर देखी जा सकती है।
अहमद फ़ाख़िर
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की सूफ़ियाना शाइ’री - डॉक्टर सफ़्दर अ’ली बेग
ऐ ख़ुदा तू दुनिया वालों की अ’क़्ल-ओ-फ़ह्म में नहीं आ सकता आउर न ही तू इन्सानों
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
सय्यद शाह शैख़ अ’ली साँगड़े सुल्तान-ओ-मुश्किल-आसाँ - मोहम्मद अहमद मुहीउद्दीन सई’द सरवरी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत सयय्द अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी का पंडोह शरीफ़ से किछौछा शरीफ़ तक का सफ़र-अ’ली अशरफ़ चापदानवी
इ’राक़, हिजाज़ और यमन का सफ़रः-हिन्दुस्तान से आप सब से पहले इ’राक़ तशरीफ़ ले गए।वहाँ बसरा,
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की शाइ’री में सूफ़ियाना आहँग
अमीर ख़ुसरो और हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के दरमियान जो वालिहाना तअ’ल्लुक़ और रुहानी रिश्ता था उसकी
ज़फ़र अंसारी ज़फ़र
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
इस अध्याय मे हज़रत शेख़ अबू तालिब मक्की का भी ज़िक्र आया है जिन्होंने इरशाद फ़रमाया
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
बाबा फ़रीद के मुर्शिद और चिश्ती उसूल-ए-ता’लीम-प्रोफ़ेसर प्रीतम सिंह
चूँकि सिलसिला-ए-ता’लीम मुद्दतुल-उ’म्र जारी रहता था इसलिए जब मुरीद का मुर्शिद से रिश्ता क़ाएम हो जाता
मुनादी
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
इस अध्याय मे हज़रत शेख़ अबू तालिब मक्की का भी ज़िक्र आया है जिन्होंने इरशाद फ़रमाया
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : ख़्वाजा अमजद हुसैन नक़्शबंदी
हज़रत अमजद हुसैन नक़्शबंदी के तअल्लुक़ात मुआसिर उलमा ओ मशाइख़ से निहायत दिल नशीन थे। बुलंद
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह-ए-दौला साहब-मोहम्मदुद्दीन फ़ौक़
अल्लाह तआ’ल की हिक्मतों को समझना,अल्लाह वालों ही का काम है।मियाँ घमान भी शाह सय्यदा साहब