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सूफ़ी लेख
सुल्तान सख़ी सरवर लखदाता-मोहम्मदुद्दीन फ़ौक़
बग़दाद की सियाहतः-मुल्तान में भी हज़ारहा लोगों ने आपसे फ़ैज़ हासिल किया।जब कुछ दिनों के क़ियाम
सूफ़ी
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हज़रत ख़्वाजा नूर मोहम्मद महारवी - प्रोफ़ेसर इफ़्तिख़ार अहमद चिश्ती सुलैमानी
पाक-पत्तन शरीफ़ से वापसी के बा’द ये दस्तूर रहा कि आप छः माह के क़रीब दिल्ली
मुनादी
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शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
अलख़।इस हिकायत से साफ़ ज़ाहिर होता है कि शैख़ अपने बहादुर जंगजू दोस्त को पहली मुलाक़ात
एजाज़ हुसैन ख़ान
सूफ़ी लेख
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया-अपने पीर-ओ-मुर्शिद की बारगाह में
जब अजोधन के उस पहले सफ़र से वापसी का वक़्त आया तो हज़रत निज़ामुद्दीन हज़रत शैख़
निसार अहमद फ़ारूक़ी
सूफ़ी लेख
जौनपुर की सूफ़ी परंपरा
एक बार शैख़ हुसैन गुजराती नामक एक सूफ़ी मुहम्मद ई’सा जौनपुरी से मिलने जौनपुर तशरीफ़ लाए.
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी और योग पर उनकी किताब "बह्र-उल-हयात"
हुमायूँ की हज़रत में विशेष श्रद्धा होने की वजह से अकबर भी आपका बड़ा सम्मान करता
सुमन मिश्र
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हज़रत सय्यद तय्यब
हज को रवानगी: आप सूरत से हज का फ़रीज़ा अदा करने की गर्ज़ से रवाना हुए
डाॅ. ज़ुहूरुल हसन शारिब
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी
हज़रत ख़्वाजा साहिब अजमेरी ने हिन्दुस्तान तशरीफ़ लाने के बा’द अजमेर को अपना मर्कज़ क़रार दिया
ख़्वाजा हसन सानी
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समाअ’ और आदाब-ए-समाअ’- मुल्ला वाहिदी देहलवी
दूसरी क़िस्म समा’अ की निहायत मज़मूम है और वो ये है कि किसी औ’रत या लड़के
मुनादी
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समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
सियर-उल-औलिया मे कई पेशेवर क़व्वालों का ज़िक्र आया है । इससे पता चलता है कि क़व्वाल
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
ग्रामोफ़ोन क़व्वाली
प्रसिद्ध किताब ‘सियर-उल-औलिया’ में कई पेशेवर क़व्वालों का ज़िक्र आया है। इससे पता चलता है कि
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
सियर-उल-औलिया मे कई पेशेवर क़व्वालों का ज़िक्र आया है । इससे पता चलता है कि क़व्वाल