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सूफ़ी लेख
When Acharya Ramchandra Shukla met Surdas ji (भक्त सूरदास जी से आचार्य शुक्ल की भेंट) - डॉ. विश्वनाथ मिश्र
सूरदास– बस यहीं मुझे आपत्ति है। मैं यह तो स्वीकार करता हूँ कि श्रीकृष्ण के इस
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
नवाब-ख़ानख़ाना-चरितम्- ले. श्री विनायक वामन करंबेलकर
“निजामशाह के राज्य को जीतने के लिये अकबर के पुत्र मुराद की सेनाओं ने प्रस्थान किया।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
जायसी और प्रेमतत्व पंडित परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल्.-एल्. बी.
तजे चरन अजहूँ न मिटत नित बहिवो ताहू केरो।।अर्थात् ऐ मन! स्वयं चंद्रमा एवं सूर्य तक
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की पाँचवी क़िस्त
स्वप्न विचार के अनुसार ऐसे स्वप्न का परिणाम यह माना गया है कि जाग्रत् में वह
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
कवि वृन्द के वंशजों की हिन्दी सेवा- मुनि कान्तिसागर - Ank-3, 1956
नीति प्रबोध- 56 पद्य की यह कृति कुंवर शैरसिंह को पढ़ाने के लिए ही कवि ने लिखी
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की दूसरी क़िस्त
मनुष्य का शरीर पाँच तत्वों से बना हुआ है और बात, पित्त, कफ ये तीन इसके
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
सन्यासी फ़क़ीर आंदोलन – भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम
“हमारी अश्वारोही रक्षक सेना के अधिक दूर जाते होते ही शत्रु नंगी तलवारें हाथ में लिए
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
शाहजहाँ में इस्लाम की धार्मिक कट्टरता और अकबर के समय की अपूर्व उदारता का एक विचित्र
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह
शाहजहाँ में इस्लाम की धार्मिक कट्टरता और अकबर के समय की अपूर्व उदारता का एक विचित्र
अविनाश कुमार श्रीवास्तव
सूफ़ी लेख
महाकवि सूरदासजी- श्रीयुत पंडित रामचंद्र शुक्ल, काशी।
सूर की विशेषताओं के इस संक्षिप्त दिग्दर्शन को समाप्त करने के पहले इतना और कह देने
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
भ्रमर-गीतः गाँव बनाम नगर, डॉक्टर युगेश्वर
गाँव के लोग सीधा सोचते हैं। सरल मन, सरल वचन। जो सोचते हैं, वही कहते हैं,
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
सुन्दरकांड में सुन्दर है सीता का चरित्र सुन्दर है हनुमान की महावीरता सुन्दर है लंका का
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की चौथी क़िस्त
माया के छलों में सबसे पहली बात यह है कि यद्यपि तुम्हें यह स्थिर जान पड़ती
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
पदमावत की लिपि तथा रचना-काल- श्रीचंद्रबली पांडेय, एम. ए., काशी
ग्रियर्सन साहब के इस शुद्ध भ्रम का निवारण करने के पहले ही इसके कारण पर विचार
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीर जीवन-खण्ड- लेखक पं. शिवमंगल पाण्डेय, बी. ए., विशारद
जब उपर्युक्त ब्राह्मणों ने देखा कि हमारे सब उपाय मिट्टी में मिल गए, तो उन्होंने फिर
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
धार्मिक दृष्टि से कबीर के सिद्धांत कई भिन्न भिन्न बल्कि परस्पर विरोधी सिद्धांतों के पंचमेल से
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
धार्मिक दृष्टि से कबीर के सिद्धांत कई भिन्न भिन्न बल्कि परस्पर विरोधी सिद्धांतों के पंचमेल से