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सूफ़ी लेख
ख़्वाजा साहब पर क्या कहती हैं पुरानी किताबें?
शहंशाह-ए-हिंद (हसनुज़्ज़माँ चिश्ती फ़ख़्री)ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती (अब्दुल हलीम शरर)
रय्यान अबुलउलाई
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हज़रत बाबा साहिब की दरगाह-मौलाना वहीद अहमद मसऊ’द फ़रीदी
शहंशाह अकबर ने अजोधन में हाज़रियाँ दीं और अजोधन का नाम पाक-पट्टन रखा।
मुनादी
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सय्यद शाह शैख़ अ’ली साँगड़े सुल्तान-ओ-मुश्किल-आसाँ - मोहम्मद अहमद मुहीउद्दीन सई’द सरवरी
सूफ़ीनामा आर्काइव
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शैख़ सलीम चिश्ती
इसी सिलसिला-ए-चिश्त में हज़रत शैख़ सलीम चिश्ती हैं जिनको मुग़ल और पठान दोनों क़ौमों के बादशाहों
ख़्वाजा हसन निज़ामी
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ग्रामोफ़ोन क़व्वाली
भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी लोगों के दिलों में क़व्वाली के प्रति वोी दीवानापन था।
सुमन मिश्रा
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क़व्वालों के क़िस्से
अज़ीज़ मियां मेरठी इकलौते ऐसे अनोखे क़व्वाल थे जो अपनी क़व्वालियाँ खुद लिखते थे ।साबरी ब्रदर्स
सुमन मिश्रा
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जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
मुझसे कहा गया कि चूंकि मैं शहर से बाहर का हूँ इसलिये मुझे सबसे पहले एक
सुमन मिश्रा
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फ़ारसी लिपि में हिंदी पुस्तकें- श्रीयुत भगवतदयाल वर्मा, एम. ए.
यो कवीत आखें इब्राहीम संसार गुरु पती।।उपरोक्त पुस्तकों की भाषा को तो ‘हिंदी’ कहने में कोई
हिंदुस्तानी पत्रिका
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मसनवी की कहानियाँ -5
इस तरह बहुत सी बातें कर के बादशाह ने इस बदसूरत ग़ुलाम को आज़मा लिया और
सूफ़ीनामा आर्काइव
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ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत सय्यदना अमीर अबुल उला
जब दिल बिलकुल अल्लाह की जानिब मुतवज्जा हुआ तो बर्दवान (बंगाल) से कहीं दूर जाकर इबादत
रय्यान अबुलउलाई
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सुल्तान सख़ी सरवर लखदाता-मोहम्मदुद्दीन फ़ौक़
शहंशाह-ए-देहली की अ’क़ीदत-मंदीअफ़्सोस है कि सुल्तान सख़ी सरवर की हालत निहायत तारीकी में है। गो आपकी
सूफ़ी
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अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
राजदरबार में पद- मुगल साम्राज्य में मंसबदारी की प्रथा बहुत समय से चली आती थी। इसमें
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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अभागा दारा शुकोह
राजदरबार में पद- मुगल साम्राज्य में मंसबदारी की प्रथा बहुत समय से चली आती थी। इसमें