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सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
बर वह्दत-ए-ज़ातस्त अ’र्ज़-ए-कसरत-ए-शानतयक शान-ए-तू ख़ल्क़स्त दिगर शान-ए-ख़ुदाई
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
हज़रत महबूब-ए-इलाही ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी के मज़ार-ए-मुक़द्दस पर एक दर्द-मंद दिल की अ’र्ज़ी-अ’ल्लामा इक़बाल
शान-ए-महबूबी हुई है पर्दा-दार-ए-शान-ए-इ’श्क़हाय क्या रुत्बे हैं उस सरकार-ए-आ’ली-जाह के
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
बेदम शाह वारसी और उनका कलाम
रुख़्सार-ए-तू अहसन-उल-मजालीदर शान-ए-कमाल-ए-तुस्त नाज़िल
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह अकबर दानापुरी
अ’जब शान है आन-ए-वाहिद में वोबहुत पास है बहुत दूर है
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
रहमत की शान देखिए कहती है मुझसे यूंबंदा करे गुनाह पर आए हया मुझे
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
गुजरात के सूफ़ी कवियों की हिन्दी-कविता - अम्बाशंकर नागर
कलमा शहादत मुख बसरो जिससे छूटे न ध्यान।दीन दुखी की नेमत पावो जो जन्नत राखो शान।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
क़व्वालों के क़िस्से
कल जो तनके चलते थे अपनी शान–ओ–शौकत परशमा तक नही जलती आज उनकी क़ुरबत पर
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
अमीर खुसरो- पद्मसिंह शर्मा
दिल! उस बुत-ए-फिरंग से मिलने की शक्ल क्या, मेरा तरीक़ और है, उस की है शान और।
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
जब हुस्न-ए-अज़ल पर्दा-ए-इम्कान में आयाबे-रँग ब-हर रँग हर एक शान में आया
फ़ैज़ अली शाह
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह बर्कतुल्लाह ‘पेमी’ और उनका पेम प्रकाश
हज़रत मुहम्मद (PBUH) की शान में लिखा गया यह छप्पय अद्भुत है –सिन्धु सलिल विमल सूर, अद्वैत अनंत वत
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह नियाज़ बरेलवी की शाइरी में इरफान-ए-हक़
गर शान पयम्बर की, बु-जहल पे खुलतीइस्लाम के लाने में उसे नंग न होता