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सूफ़ी लेख
समर्थ गुरु रामदास- लक्ष्मीधर वाजपेयी
श्रीरामदास स्वामी ने अपने महंत तो जगह-जगह स्थापित किए ही थे, इसके सिवाय उस समय के
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
ग्रामोफ़ोन क़व्वाली
अ’ज़ीज़ नाज़ाँ बड़े प्रयोगधर्मी क़व्वाल थे। उन्होंने क़व्वाली में कई ऐसे प्रयोग किये जो पहले कभी
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
सन्तरण कृत गुरु नानक विजय - जयभगवान गोयल
गुरु नानक विजय 24382 छंदों का एक धर्मप्रधान वृहदाकर प्रबन्ध काव्य है। जिसका प्रणयन उदासी सम्प्रदाय
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
क़व्वालों के क़िस्से
नाज़ाँ मालाबारी थे और उनकी मातृभाषा मलयालम थी. उन्होंने औपचारिक शिक्षा गुजराती माध्यम से पूरी की
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
देव और बिहारी विषयक विवादः उपलब्धियाँ- किशोरी लाल
रीतियुग की काव्य-रचना ऐहिक जीवन के मादक एवं सरस प्रभावों से पूर्ण तथा अनुप्राणित रही है,
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
नाथ-योगी-सम्प्रदाय के ‘द्वादश-पंथ’-परशुराम चतुर्वेदी
अतएव, यदि उपर्युक्त सारी सूचियों पर एक साथ विचार किया जाय तो इसके फलस्वरूप हमारे सामने
विश्वभारती पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
समोगर से भागने के बाद दारा किसी भाँति आगरे पहुँचा और वहाँ से कुछ धन तथा
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह
समोगर से भागने के बाद दारा किसी भाँति आगरे पहुँचा और वहाँ से कुछ धन तथा