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सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
आग दिए वह होए रूख। पानी दिए वह जावे सूख।।– अनार (आतिशबाजी)
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
आग दिए वह होए रूख। पानी दिए वह जावे सूख।। -अनार (आतिशबाजी)