आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chashm-e-mor"
Kalaam के संबंधित परिणाम "chashm-e-mor"
कलाम
चश्म में ख़ल्क़ की गो मिस्ल-ए-हबाब आता हूँ
ऐ'न-ए-दरिया हूँ हक़ीक़त में बहा जाता हूँ
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
कलाम
ताबिश कानपुरी
कलाम
बहर-जल्वा न रुस्वा कर मज़ाक़-ए-चश्म-ए-हैराँ को
यही बातें निगाहों से गिरा देती हैं इंसाँ को
सीमाब अकबराबादी
कलाम
इक़बाल सफ़ीपुरी
कलाम
साएमा ज़ैदी
कलाम
तिरे जल्वे की बढ़ती है लताफ़त चश्म-ए-गिर्यां में
कि घुल कर अश्क में छुपता है वो दामान-ए-मिज़्गाँ में