परिणाम "dil-e-sharminda-nazar"
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वफ़ा सुनाती है दिल के क़िस्से कभी ज़बाँ से कभी नज़र सेजो बात लब तक न आ सकी थी नज़र ने कह दी मिरी नज़र से
दाइम दिल-ओ-नज़र पे नुज़ूल-ए-सकीना हैअदना सा ये कमाल जमाल-ए-मदीना है
तू ने अपना बना कर नज़र फेर ली मेरे दिल का सुकूँ ना-गहाँ लुट गयामुझ को लूटा तिरे 'इश्क़ ने जान-ए-जाँ मैं तिरे 'इश्क़ में जान-ए-जाँ लुट गया
दिल की आँखों से नज़र आया है जल्वा तेरामर के भी ज़िंदा-ए-जावेद है शैदा तेरा
जब तीर-ए-नज़र दिल पे मिरे यार ने मारारग रग से सदा आई मुझे प्यार ने मारा
याँ दिल में ख़याल और है वाँ मद्द-ए-नज़र औरहै हाल तबी’अत का इधर और उधर और
तू ने ऐ हम-सफ़र फेर ली जो नज़र वक़्त से पेशतर हम तो मर जाएँगेज़ुल्म ऐसा न कर कुछ ख़ुदा से तो डर तेरे दीवाने आख़िर कहाँ जाएँगे
जिस की तुझे तलाश है ऐ दिल जगह जगहबे-पर्दा है वो रौनक़-ए-महफ़िल जगह जगह
मिस्ल-ए-तार-ए-नज़र नज़र में नहींइस तरह घर में हूँ कि घर में नहीं
ऐ इश्तियाक़-ए-दीद अगर दिल में तू रहेतस्वीर-ए-हुस्न-ए-यार मेरे रू-ब-रू रहे
नज़र की मंज़िल-ए-मक़्सूद मेहर-ओ-माह नहींये जल्वा-गाह के पर्दे हैं जल्वा-गाह नहीं
सँभल ऐ दिल किसी का राज़ बे-पर्दा न हो जाएये दीवानों की महफ़िल है कोई रुस्वा न हो जाए
जल्वा ब-क़द्र-ए-ज़र्फ़ नज़र देखते रहेक्या देखते हम उन को मगर देखते रहे
ज़र्रे-ज़र्रे में नज़र आती है रा’नाई मुझेयाद है हाँ याद है वो ’अहद-ए-बरनाई मुझे
जो रुख़्सार-ए-शह पे नज़र जाएगीगुलों से तबी'अत उतर जाएगी
ऐ दिल तुझे ख़बर है कि क्या कर रहा हूँ मैंजो हक़ है ज़िंदगी का अदा कर रहा हूँ मैं
तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा आराम आता हैकि लब पर हर तड़प के साथ उनका नाम आता है
तुझे इक नज़र देखना चाहता हूँमैं इस के सिवा और क्या चाहता हूँ
जिस का हर ज़र्रा नज़र आता है सौदाई मुझेकाश मिल जाए वही महबूब-ए-हरजाई मुझे
ख़िरद ने मुझ को अता की नज़र हकीमानासिखाई इश्क़ ने मुझ को हदीस-ए-रिंदाना
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