आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "man samjhawan maha rishi ram das ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "man samjhawan maha rishi ram das ebooks"
कलाम
स्वामी रामतीर्थ
कलाम
इश्क़ माही दे लाइयाँ अग्गीं लग्गी कौण बुझावे हूमैं की जाणाँ ज़ात इश्क़ जो दर दर जा झुकावे हू
सुल्तान बाहू
कलाम
आशिक़ इश्क़ माही दे कोलों फिरन हमेशा खीवे हूजींदे जान माही नूँ डित्ती दोहीं जहानीं जीवे हू
सुल्तान बाहू
कलाम
आशिक़ राज़ माही दे कोलों, होण कदीं न वांदे हूनींद हराम तिन्हाँ ते जेहड़े ज़ाती इस्म कमांदे हू
सुल्तान बाहू
कलाम
हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँदअपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद
राही मासूम रज़ा
कलाम
जीवंदयाँ मर रहणा होवे ताँ देस फ़कीराँ बहिये हूजे कोई सुट्टे गुद्दड़ कूड़ा वांग अरूड़ी रहिए हू
सुल्तान बाहू
कलाम
अलिफ़-अल्ला चम्बे दी बूटी मुर्शिद मन विच लाई हूनफ़ी इसबात दा पाणी मिलाया हर रगे हर जाई हू
सुल्तान बाहू
कलाम
वो ज़ुल्फ़ें 'आशिक़-ए-शोरीदा-सर को डस गईं आख़िरनहीं आसान हाथों पर खिलाना काली नागिन का
क़ाज़ी उमराव अली जमाली
कलाम
ऐ दिल-ए-पुर-सुरूर-ए-मन नाज़ न बन नियाज़ बनसाक़ी-ए-मस्त-ए-नाज़ की आँखों में सरफ़राज़ बन