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कलाम
गुरु दर्शन भगवान का दर्शन सिफ़त में ज़ात समाई रेगुरु बिन ज्ञान नहीं भई साधो गुरु ने बात बताई रे
मीराँ भीख
कलाम
बलाएँ ज़ुल्फ़-ए-जानाँ की अगर लेते तो हम लेतेबला ये कौन लेता जान पर लेते तो हम लेते
बहादुर शाह ज़फ़र
कलाम
उन को वो क़िस्से सुनाए हैं कि जी जानता हैलब पे नाले भी वो लाए हैं कि जी जानता है
नवाब मोइनुद्दौला बहादुर
कलाम
कनजड़े की सी हाट है दुनिया जिंस है सारे इकट्ठेमीठे चाहे मीठे ले ले खट्टे चाहे खट्टे
बहादुर शाह ज़फ़र
कलाम
इ'श्क़ ने आग लगाई रे साधू इ'श्क़ ने आग लगाईदेत हूँ राम दोहाई रे साधू इ'श्क़ ने आग लागई
इम्दाद अ'ली उ'ल्वी
कलाम
सच है शह-रग से क़रीं अल्लाह मियाँ है रे मियाँतुझ में ये माद्दा समझने का कहाँ है रे मयाँ