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Sufinama

हौं चाचर खेलो सरब अंग

अब ईश्वर की मारेफ़त (ज्ञान) का नृत्य, जिसे हिंदवी में चाचर कहते हैं मुझको इस अस्तित्व के संसार से प्राप्त हुआ है क्योंकि अधिकार तथा आधिपत्य का परदा एक अस्थायी वस्तु थी, उसके उठ जाने के उपरांत “ऐनुलयक़ीन” की आंख से दिखाई दे गया कि मेरे अस्तित्व के कर्मों में से कोई कण भी परम प्रियतम के हिलाए बिना नहीं हिलता अपितु उसी के अधिकार पर निर्भर एवं अवलम्बित है। “वह परम प्रियतम जिस प्रकार चाहता है उसको हिलाता है और उसी के द्वारा अस्तित्व के कण हिलते तथा नृत्य करते हैं।

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