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उदासी पर अशआर

गुलशन पे उदासी की फ़ज़ा देख रहा हूँ

वो दर्द के मौसम को बदलने नहीं देते

पुरनम इलाहाबादी

दर्द-ओ-ग़म और उदासी के सिवा कौन आता

जिन को भेजा था मिरे घर में ख़ुदा ने आए

पुरनम इलाहाबादी

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