गुलशन पे उदासी की फ़ज़ा देख रहा हूँ
वो दर्द के मौसम को बदलने नहीं देते
दर्द-ओ-ग़म और उदासी के सिवा कौन आता
जिन को भेजा था मिरे घर में ख़ुदा ने आए
गुलशन पे उदासी की फ़ज़ा देख रहा हूँ
वो दर्द के मौसम को बदलने नहीं देते
दर्द-ओ-ग़म और उदासी के सिवा कौन आता
जिन को भेजा था मिरे घर में ख़ुदा ने आए