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क़व्वाली और सहाफ़त

अकमल हैदराबादी

क़व्वाली और सहाफ़त

अकमल हैदराबादी

MORE BYअकमल हैदराबादी

    रोचक तथ्य

    کتاب ’’قوالی امیر خسرو سے شکیلا بانو تک‘‘ سے ماخوذ۔

    सहाफ़त में मज़हबिय्यात के लिए बहुत कम गुंजाइश है और बद-नसीबी से क़व्वाली ‘उमूमन मज़हबी कालम में शुमार की गई, इसलिए सहाफ़त ने उसे इतना ही मौक़ा' दिया जितना कि एक मज़हबी मौज़ू' को दिया जा सकता था, क़व्वाली की फ़न्नी, तफ़रीही-ओ-क़ौमी इफ़ादियत सदियों चश्म-ए-सहाफ़त से पोशीदा रही लेकिन शुक्र है कि मौजूदा सदी के बा’ज़ बा-शुऊर सहाफ़ियों ने जब इस में फ़न्नी खूबियाँ, अ’वामी तफ़रीह और क़ौमी यक-जहती की ज़िंदा निशानियाँ पाईं तो उन्होंने इस मौज़ू’ पर बड़े ख़ुलूस और ज़िम्मेदारी के साथ क़लम उठाया और क़व्वाली के साथ साथ उसके जदीद फ़नकारों की क़ौमी ख़िदमात की भरपूर सराहत-ओ-हिमायत की, इस सिलसिले में इलस्ट्रेटेड वीकली (बंबई), हफ़्ता-वार मशरिक़ (लंदन), हफ़्ता-वार मिलाप (लंदन), रोज़नामा दक्कन करानीकल (हैदराबाद), रोज़नामा इन्क़िलाब (बंबई), माहनामा आजकल (दिल्ली), माहनामा शम्अ (दिल्ली), पंद्रह रोज़ा धरम युग (दिल्ली), माहनामा रूबी (दिल्ली), माहनामा गगन (बंबई), रोज़नामा आईना (कश्मीर), हफ़्ता-वार ‘अक्कास (कलकत्ता), हफ़्ता-वार फ़िल्मी दुनिया (हैदराबाद), फ़िल्म वीकली (कलकत्ता और ख़ुसूसियत के साथ रोज़नामा सियासत हैदराबाद) की हालिया फ़ाइलें क़ाबिल-ए-सिताइश हैं, जिनमें खुशवंत सिंह, मयकश अकबराबादी, क़ुर्रतुलऐन हैदर, यूसुफ़ देहलवी ,रहमान नय्यर, ‘आबिद ‘अली ख़ाँ, महबूब हुसैन जिगर, शाहिद सिद्दीक़ी, नसीर अख़्तर सिद्दीक़ी, हैदर मिर्ज़ा, उ’स्मान शैदा, अ’ब्दुर्रशीद चौधरी, अख़्तर सई’द ख़ान, मुहम्मद ‘अली ताज, सलामत ‘अली महदी, शहाब अशरफ़ शमस कंवल, नरेश कुमार शाद, जगन्नाथ आज़ाद, शकील बदायूनी और मख़्दूम मुहीउद्दीन जैसी शख़्सियतों की ऐसी शे’री-ओ-नस्री निगारशात शा’ऐ हुई हैं जो क़व्वाली या क़व्वाली के किसी किसी जदीद फ़नकार की ता’रीफ़ पर मुश्तमिल हैं।

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