कबीर ग्रंथावली मूल संजीवनी व्याख्या है। प्रस्तुत पुस्तक साहित्य-संस्थान के संग्रह से तैयार की गई है। साहित्य संस्थआन के संग्राहकों ने अनेक स्थानोंकी खाक-छान कर 19000 के लगभग शब्दों का संग्रह किया है। इस संग्रह में दोहे, सौरठे, कवित्त और गीत आदि कई तरह के छंद सुरक्षित है।