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Sufinama

पिया के देखन को जिया ललचाए

मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत

पिया के देखन को जिया ललचाए

मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत

MORE BYमौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत

    पिया के देखन को जिया ललचाए

    चैन नहीं है मुझ को पिया बिन

    हाय पिया नहीं आए

    जिस को पिया की लगन लगी हो

    उस को कुछ सुहाए

    छुपना था तो मिलना था

    मिल कर क्यूँ छुप जाए

    प्रीत की अगिया जिस तन लागे

    हाय दुखिया सुख जाए

    कर के प्रीत अब क्या पचताना

    जो कुछ हो हो जाए

    प्रेम का मदवा साईं पिला कर

    सुध-बुध सब ले जाए

    जिस की बय्याँ पकड़े सय्याँ

    वो रानी कहलाए

    जिस के मन में साईं बसा हो

    दूजा कौन समाए

    मन में बस कर नैन से ओझल

    कौन उसे फिर पाए

    जो मूँद आँखें साईं को ढूँडे

    साईं उसे मिल जाए

    जो खो जाए साईं की धुन में

    महा-पुरुष कहलाए

    साईं का नाम जपे जो 'हसरत'

    साईं वही हो जाए

    स्रोत :
    • पुस्तक : सुरूद-ए-रूहानी (पृष्ठ 368)
    • संस्करण : Second

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