Sufinama

गीत

सूफ़ी संतों ने बहुत से गीत और ठुमरियां लिखी हैं जिन्हें क़व्वाल सूफ़ी ख़ानक़ाहों पर कसरत से पढ़ते है।

रामपूर का एक क़ादिर-उल-कलाम शाइ’र

1253 -1325

ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया के चहेते मुरीद और फ़ारसी-ओ-उर्दू के पसंदीदा सूफ़ी शाइ’र, माहिर-ए-मौसीक़ी, उन्हें तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है

1914 -1981

इंक़लाब और हुस्न-ओ-इश्क़ के शायर,नाटककार,गीतकार, मुशाएरा के बड़े शायर ,अपनी नज़्म “झूम कर उठो वतन आज़ाद करने के लिए” की वजह से मशहूर

1832 -1906

हैदराबाद के मश्हूर अबुल-उ’लाई सूफ़ी

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