Sufinama

सूफ़ी लेख

सूफ़ियों के ताल्लुक़ से बेहतरीन और दिलकश मज़ामीन का मजमूआ पेश-ए-ख़िदमत है।

1974

शोधकर्ता और शायर, अपनी नज़्म "सोचने पे पहरा है" के लिए मशहूर/ प्रोफ़ेसर जेएनयू

1995

ख़ानक़ाह-ए-बल्ख़िया फ़िदोसिया, फ़तूहा के सज्जादा-नशीं के साहब-ज़ादे

वंशानुगत ख़ादिम ख़्वाजा गरीब नवाज़, अजमेर

1976

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर और हमीद वैशालवी के शागिर्द

1946

आरा के वारसी शाइ’र

1884 -1966

लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् और साहित्यकार. शायरी,कथा साहित्य और अनुवाद के अलावा विद्वत्तापूर्ण कई अहम किताबों के रचनाकार. अपने समय की लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका ‘निगार’ के सम्पादक रहे

1952

महत्वपूर्ण उत्तर-आधुनिक शायरों में विख्यात।

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