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Sufinama

ज़िक्र किस का हो रहा है महफ़िल-ए-अहबाब में

आग़ा मुहम्मद दाऊद

ज़िक्र किस का हो रहा है महफ़िल-ए-अहबाब में

आग़ा मुहम्मद दाऊद

MORE BYआग़ा मुहम्मद दाऊद

    ज़िक्र किस का हो रहा है महफ़िल-ए-अहबाब में

    है हरारत और ही कुछ इस दिल-ए-बेताब में

    जाम साक़ी आईना है मोहतसिब से ख़ौफ़ क्या

    देखते हैं रू-ए-दिलबर हम शराब-ए-नाब में

    हसरत-ए-दिल दर-बदर उस को फिराए ’अज़ीज़

    हज़रत-ए-यूसुफ़ को देखे गर ज़ुलेख़ा ख़्वाब में

    बैठना इक दो नफ़्स मिल कर ग़नीमत जानिए

    तफ़िरक़ा-अंदाज़ है चर्ख़-ए-कुहन अहबाब में

    'सहव' पर्दा हम से क्यूँ तुम ग़ैर समझे हो किसे

    देखते हो किस को बेदारी में किस को ख़्वाब में

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