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ऐ सितमगर बेवफ़ा ये बेवफ़ाई कब तलक

किशन सिंह आरिफ़

ऐ सितमगर बेवफ़ा ये बेवफ़ाई कब तलक

किशन सिंह आरिफ़

MORE BYकिशन सिंह आरिफ़

    सितमगर बेवफ़ा ये बेवफ़ाई कब तलक

    आशिक़ों की तेरे कूचे में दुहाई कब तलक

    बे-दिलों से दिलरुबा या पुर-जफ़ाई कब तलक

    सीधी बातों में भी तेरी कज-अदाई कब तलक

    हम तो तुझ पर हो रहे हैं जान और दिल से फ़िदा

    दूसरों को देख कर ये दिलरुबाई कब तलक

    कमाँ-अबरू हर-दम मार तू तीर-ए-निगाह

    ज़ुल्फ़-ए-ख़म ख़ंजर से तेरी ख़ुश-नुमाई कब तलक

    हम तेरे बीमार हैं और तू हमारा है हकीम

    जल्द मिल होवे शिफ़ा दर्द-ओ-दवाई कब तलक

    अश्क-ए-ख़ूनी रो रहा हूँ तेरी फ़ुर्क़त में हमेश

    दूर से दिखलाओगे दस्त-ए-हिनाई कब तलक

    खो दिया सब नाम-ओ-नंग बा-हया तेरे लिए

    हम करेंगे इस जहाँ में बे-हयाई कब तलक

    'आरिफ़ा' हम दोस्ती से करते हैं इज्ज़-ओ-नियाज़

    फिर बता नाज़-परवर ये लड़ाई कब तलक

    स्रोत :
    • पुस्तक : दीवान-ए-आरिफ़ (पृष्ठ 57)
    • रचनाकार : किशन सिंघ आरिफ़
    • प्रकाशन : चश्मा-ए-नूर प्रेस, अमृतसर

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