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Sufinama

हम ग़लत एहतिमाल रखते थे

ख़्वाजा मीर असर

हम ग़लत एहतिमाल रखते थे

ख़्वाजा मीर असर

MORE BYख़्वाजा मीर असर

    हम ग़लत एहतिमाल रखते थे

    तुझ से क्या क्या ख़याल रखते थे

    सुना तू ने क्या कहीं ज़ालिम

    वर्नः हम अर्ज़-ए-हाल रखते थे

    रहा इंतिज़ार भी यास

    हम उमीद-ए-विसाल रखते थे

    जौहर-ए-आईनः ने दिखलाया

    सादः-रू जो कमाल रखते थे

    सुना था कसो ने ये तो ग़ुरूर

    सभी दिलबर जमाल रखते थे

    आह वो दिन गए कि हम भी 'असर'

    दिल को अपने सँभाल रखते थे

    स्रोत :
    • पुस्तक : दीवान-ए-असर, संकलन: कामिल क़ुरैशी (पृष्ठ 217)
    • रचनाकार : मीर असर
    • प्रकाशन : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द) (1978)

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