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दर्द-अलम बेताबी-ओ-हसरत सर पे बला है क्या क्या कुछ

नय्यर दानापूरी

दर्द-अलम बेताबी-ओ-हसरत सर पे बला है क्या क्या कुछ

नय्यर दानापूरी

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    दर्द-अलम बेताबी-ओ-हसरत सर पे बला है क्या क्या कुछ

    मरने पर भी हम नहीं तन्हा साथ चला है क्या क्या कुछ

    सैल-ए-सरश्क-ओ-ताइर-ए-सिद्रा बाद-ए-सबा-ओ-हुद-हुद दिल

    हिज्र में हम ने क़ासिद का सामान किया है क्या क्या कुछ

    नक़द-ए-वहशत सिक्का-ए-दाग़-ओ-गौहर अशक-ओ-ख़िलअ’त दर्द

    सरकार-ए-जुनूँ से दिल को मिरे इनआ'म मिला है क्या क्या कुछ

    मुझ से मिलें जी खोल के वो मुमकिन ही नहीं ये हश्र तलक

    अग़्यार ने उन के कान में आकर फूँक दिया है क्या क्या कुछ

    ख़ाक उड़ाई कूचा-ब-कूचा हो गए रुस्वा दुनिया में

    देखिए 'नय्यर' आइंदा क़िस्मत का लिखा है क्या क्या कुछ

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