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Sufinama

बहुत ख़ुश है मुझे वो याद करके

रहबर मिस्बाही

बहुत ख़ुश है मुझे वो याद करके

रहबर मिस्बाही

MORE BYरहबर मिस्बाही

    बहुत ख़ुश है मुझे वो याद करके

    भरी दुनिया मेरी बर्बाद करके

    जला कर पर मेरे सय्याद मुझ को

    सज़ा देते हैं क्यूँ आज़ाद करके

    जलाने की ज़रूरत क्यूँ पड़ी थी

    नशेमन को मिरे आबाद करके

    सनम अपना जो ठहरा संग-ए-मूरत

    तो फिर क्या होगा यूँ फ़रियाद करके

    मैं उस का बस में इस का हो गया हूँ

    चला आया हूँ ख़ुद को शाद करके

    अभी भी पर हमारे हैं सलामत

    ग़मों से देख लो आज़ाद करके

    बसेरा जुग्नुओं में कर रहे हो

    कभी सूरज से मिलना याद करके

    कभी मुश्किल में मुझ को याद करना

    चला आऊँगा ख़ुद को बाद करके

    समाँ है बेवफ़ाई का 'रहबर'

    करोगे क्या मुझे तुम याद करके

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