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Sufinama

अमीर-ए-शहर के आगे दुहाई रहने दे

शमीम गौहर

अमीर-ए-शहर के आगे दुहाई रहने दे

शमीम गौहर

MORE BYशमीम गौहर

    अमीर-ए-शहर के आगे दुहाई रहने दे

    फटे लिबास में शान-ए-गदाई रहने दे

    जाने तेरी अदा का मिज़ाज कब बदले

    ज़रा सी दिल में मिरे बे-वफ़ाई रहने दे

    तमाम घर के असासों से कुछ नहीं मतलब

    हमारे हुजरे की सूखी चटाई रहने दे

    ये सच है कोई भी ख़ूबी नहीं है मुझ में मगर

    तमाम उ'म्र यूँही आश्नाई रहने दे

    हर एक क़तरा-ए-ख़ूँ को बहुत तसल्ली है

    जिगर में जल्वा-ए-दस्त-ए-हिनाई रहने दे

    तू अपने हुस्न-ए-अ'मल का ख़याल रख 'गौहर'

    गुनाह-गारों की कुछ बुराई रहने दे

    स्रोत :
    • पुस्तक : गर्दो गोबार (पृष्ठ 20)

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