Font by Mehr Nastaliq Web

कोई मज़ा मज़ा नहीं कोई ख़ुशी ख़ुशी नहीं

ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मजज़ूब

कोई मज़ा मज़ा नहीं कोई ख़ुशी ख़ुशी नहीं

ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मजज़ूब

MORE BYख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मजज़ूब

    कोई मज़ा मज़ा नहीं कोई ख़ुशी ख़ुशी नहीं

    तेरे बग़ैर ज़िंदगी मौत है ज़िंदगी नहीं

    हाल में अपने मस्त हूँ ग़ैर का होश ही नहीं

    रहता हूँ मैं जहाँ में यूँ जैसे यहाँ कोई नहीं

    मुझ में सभी हुनर सही ताब तो ज़ब्त की नहीं

    शर्त-ए-वफ़ा वहाँ यही और यहाँ यही नहीं

    दिल की लगी है 'आशिक़ो ये कोई दिल-लगी नहीं

    हँस सकोगे गो हँसो 'इश्क़ है ये हँसी नहीं

    बैठा हूँ मैं झुकाए सर नीची किए हुए नज़र

    बज़्म में सब सही मगर वो जो नहीं कोई नहीं

    होश जाने था किधर सोचा तो अब हुई ख़बर

    बातें हज़ार कीं मगर दिल में थी कही नहीं

    रहता हूँ बे-लब-ओ-दहन रोज़-ओ-शब उन से हम-सुख़न

    जान-ए-सुख़न है 'हसन' ये मिरी ख़ामुशी नहीं

    वीडियो
    This video is playing from YouTube

    Videos
    This video is playing from YouTube

    अज्ञात

    अज्ञात

    स्रोत :

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY
    बोलिए