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Sufinama

बड़े बोल बड़े निवाले

परवाज़ मिनाई

बड़े बोल बड़े निवाले

परवाज़ मिनाई

MORE BYपरवाज़ मिनाई

    रोचक तथ्य

    آواز : زاہد نازاں قوال۔ نصیحت نامہ

    ख़ुदा गवाह तकब्बुर से जिस को प्यार हुआ

    समझ लो बस वही इंसाँ ज़लील-ओ-ख़्वार हुआ

    बड़े बोल बड़े निवाले

    हलक़ में इक दिन फँसने वाले

    कैसी कैसी हस्तियों ने इस जहाँ में आन के

    ख़ूब नक़्क़ारे बजाए अपनी अपनी शान के

    कोई इतराता था अपनी शोहरत-ओ-जागीर पर

    था किसी को फ़ख़्र अपनी दौलत-ओ-तौक़ीर पर

    ज़ुल्म ढाने में कोइ बे-इंतिहा मक़बूल था

    कोई शुग़्ल-ए-मय-कशी में रात-दिन मशग़ूल था

    कर रहा था कोई अपनी क़ुव्वत-ए-बाज़ू पे नाज़

    चंद रोज़ा ज़िंदगी से था कोई बे-नियाज़

    मौत लगा गई मुँह पर ताले

    बड़े बोल और बड़े निवाले

    बात अज़ राह-ए-करम परवाज़ की सुन लीजिए

    ज़िंदगी में काम आएगी उसे चुन लीजिए

    छोटा मुँह बातें बड़ी हरगिज़ करना चाहिए

    लाज़िम है हर बात की तह में उतरना चाहिए

    ज़ेहन से इंसान के जब बाहर निकल जाती है बात

    दर-हक़ीक़त ज़ीस्त का नक़्शा बदल जाती है बात

    आदमी को चाहिए कि बोलने से पेशतर

    ग़ौर से जुमलों को तौले तौलने से पेशतर

    सोचे समझे देखे भाले

    बड़े बोल और बड़े निवाले

    स्रोत :
    • पुस्तक : Zahid Nazan Qawwal, Part 1 (पृष्ठ 14)

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