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Sufinama

लैला की तरफ़ ताक न महमिल की तरफ़ देख

क़ैस जालंधरी

लैला की तरफ़ ताक न महमिल की तरफ़ देख

क़ैस जालंधरी

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    लैला की तरफ़ ताक महमिल की तरफ़ देख

    'क़ैस' जो है ज़ौक़-ए-नज़र दिल की तरफ़ देख

    दरिया पे नज़र डाल साहिल की तरफ़ देख

    दिल में है कमी कौन सी तू दिल की तरफ़ देख

    मौजों की तूफ़ान की साहिल की तरफ़ देख

    सब कुछ है इसी बहर में तू दिल की तरफ़ देख

    दुनिया के मनाज़िर तो हैं दुनिया के मनाज़िर

    तू दिल की तरफ़ दिल की तरफ़ दिल की तरफ़ देख

    कब तक ये नज़र सू-ए-हरम नासेह-ए-नादाँ

    'अक़्ल के अंधे हरम-ए-दिल की तरफ़ देख

    मेहर-ओ-मह-ओ-अंजुम भी गुल-ओ-सर-ओ-समन भी

    सब कुछ इसी दिल में है इसी दिल की तरफ़ देख

    गुलशन-ए-'आलम की तरफ़ देखने वाले

    दिल ग़ैरत-ए-फ़िरदौस है तू दिल की तरफ़ देख

    क्या तूर के जल्वों की तरफ़ देख रहा है

    दिल में तिरे क्या कुछ नहीं तू दिल की तरफ़ देख

    फिर देख ये ज़र्रा है कि ख़ुर्शीद है कोई

    उठ आँख उठा और ज़रा दिल की तरफ़ देख

    हैरत-ज़दा क्यूँ जानिब-ए-दर देख रहा है

    दिल-जल्वा-गह-ए-ख़ास है तू दिल की तरफ़ देख

    ये दामन-ए-सद-चाक है वो सीना-ए-सदचाक

    फूलों की तरफ़ ताक अनादिल की तरफ़ देख

    महमिल की तरफ़ 'क़ैस' अ'बस हैं तिरी नज़रें

    लैला की तलब है तो ज़रा दिल की तरफ़ देख

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