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Sufinama

हम्द-ए-बारी और सना-ए-रहमतुल-लिल-’आलमीं

हसन इमाम वारसी

हम्द-ए-बारी और सना-ए-रहमतुल-लिल-’आलमीं

हसन इमाम वारसी

MORE BYहसन इमाम वारसी

    हम्द-ए-बारी और सना-ए-रहमतुल-लिल-’आलमीं

    या मोहम्मद या ख़ुदा-ए-रहमतुल-लिल-’आलमीं

    क़ालिब-ए-ख़ाकी में गोया रूह दाख़िल हो गई

    मर्हबा तशरीफ़ लाए रहमतुल-लिल'आलमीं

    मुज़्दा गो थे आप के अल्लाह के पैग़ाम्बर

    सब के सब लाए नवा-ए-रहमतुल-लिल-'आलमीं

    ’इशरत-ए-सरकार-ए-’आली और क़ुरआन-अल-मजीद

    मोहतरम दोनों बजा-ए-रहमतुल-लिल-'आलमीं

    हो गया मक़्बूल दरगाह-ए-ख़ुदा-ए-बेनियाज़

    बंदा-ए-लुत्फ़-ओ-’अता-ए-रहमतुल-लिल-'आलमीं

    तूतिया-ए-चश्म-ए-अहल मा'रिफ़त बे-शक बना

    हो गया जो ख़ाक-पा-ए-रहमतुल-लिल-'आलमीं

    किस की हिम्मत थी हसन अत्तालिहून-ली कहे

    कौन होता हम-नवा-ए-रहमतुल-लिल-'आलमीं

    स्रोत :
    • पुस्तक : सुख़नवरान-ए-वतन (पृष्ठ 171)
    • रचनाकार : रियाज़ गयावी
    • संस्करण : First

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