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शराफ़त नाज़ करती है सियासत नाज़ करती है

सय्यद अमजद हुसैन

शराफ़त नाज़ करती है सियासत नाज़ करती है

सय्यद अमजद हुसैन

MORE BYसय्यद अमजद हुसैन

    रोचक तथ्य

    منقبت در شان حضرت امام حسین (کربلا-ایران)

    शराफ़त नाज़ करती है सियासत नाज़ करती है

    हुसैनी हौसलों पर ख़ुद इमामत नाज़ करती है

    हुसैनी सब्र को देखो 'अजब है हौसला उस का

    ख़ुदा की राह में जिस पर शहादत नाज़ करती है

    'अदू लाखों सही लेकिन कभी झुकते नहीं हम तो

    हमारी गर्दनों पर फिर शराफ़त नाज़ करती है

    नबी के नाम पर जीना नबी के नाम पर मरना

    जो ऐसा कर दिखाए उस पे जन्नत नाज़ करती है

    क़लम से हक़ लिखूँ जब भी ज़माना रोकता मुझ को

    मगर मेरे हुनर पर फिर हिमायत नाज़ करती है

    अगर दरबार में सर भी कटा दूँ ग़म नहीं कोई

    मेरी हर आह पर देखो इमामत नाज़ करती है

    जहाँ में सब्र का सच्चा दरीचा खोलने वाले

    'अली के ला'ल पर देखो रियासत नाज़ करती है

    वफ़ा का हक़ अदा कर के जो सर दे कर भी हँसते हैं

    उन्ही के नक़्श-ए-पा पर तो 'इनायत नाज़ करती है

    हज़ारों साज़िशें हों लाख पहरे हों ज़माने के

    मगर इस्लाम पर फिर भी अमानत नाज़ करती है

    मिटा पाया नहीं कोई वुजूद-ए-अहल-ए-बैत अब तक

    क़यामत तक उन्ही पर ये बशारत नाज़ करती है

    ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम भी हुसैनी घर के ख़ादिम हैं

    हमारी जुस्तुजू पर भी मोहब्बत नाज़ करती है

    ये 'अमजद' नाम लेता है वफ़ादारों की बस्ती का

    मिरी पहचान पर ख़ुद मेरी क़िस्मत नाज़ करती है

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