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कझ़ माँदन-ए-दहाँ आँ मर्द कि नाम-ए-मोहम्मद रा ’अलैहिस्सलाम ब-तस्ख़र ख़्वांद

रूमी

कझ़ माँदन-ए-दहाँ आँ मर्द कि नाम-ए-मोहम्मद रा ’अलैहिस्सलाम ब-तस्ख़र ख़्वांद

रूमी

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    रोचक तथ्य

    हिंदी अनुवाद: सज्जाद हुसैन

    कझ़ माँदन-ए-दहाँ आँ मर्द कि नाम-ए-मोहम्मद रा ’अलैहिस्सलाम ब-तस्ख़र ख़्वांद

    उस शख़्स का मुँह टेढ़ा रह जाना जिसने आँ-हुज़ूर का नाम तम्सख़ुर के साथ लिया था

    आँ दहान कझ़ कर्द-ओ-अज़ तस्ख़र ब-ख़्वाँद

    नाम-ए-अहमद रा दहानश कझ़ ब-माँद

    जिसने मुँह टेढ़ा किया और तम्सख़ुर से लिया

    अहमद (सल्लल्लाहु ’अलैहि व-सल्लम) का नाम, उसका मुँह टेढ़ा रह गया

    बाज़ आमद कि-ऐ मोहम्मद 'अफ़्व कुन

    तुरा अल्ताफ़-ओ-'इल्म-ए-मिन-लदुन

    वापस आया कि मोहम्मद मु’आफ़ कर दीजिए

    (हज़रत) आपको मेहरबानियाँ और ’इल्म-ए-लदुन्नी हासिल है

    मन तुरा अफ़्सोस मी कर्दम ज़ जहल

    मन बुदम अफ़्सोस रा मंसूब-ओ-अहल

    मैंने जिहालत की वजह से आपका मज़ाक़ उड़ाया

    (हालाँकि) तम्सख़ुर के क़ाबिल और मुस्तहिक़ तो मैं था

    चूँ ख़ुदा ख़्वाहद कि पर्दः-ए-कस दरद

    मैलश अंदर ता'नः-ए-पाकाँ बरद

    जब ख़ुदा चाहता है कि किसी की पर्दा-दारी करे

    उसका मैलान पाक लोगों पर ता’ना-ज़नी में कर देता है

    चूँ ख़ुदा ख़्वाहद कि पोशद 'ऐब-ए-कस

    कम ज़नद दर 'ऐब-ए-मा'यूबाँ नफ़स

    और अगर ख़ुदा चाहता है कि किसी की ’ऐब-पोशी करे

    तो ’ऐब-दारों के ’ऐब भी नहीं बयान करता

    चूँ ख़ुदा ख़्वाहद कि माँ यारी कुनद

    मैल-ए-मा रा जानिब-ए-ज़ारी कुनद

    जब ख़ुदा हमारी मदद करना चाहता है

    तो हमें इंकिसारी की तरफ़ माइल कर देता है

    ख़ुनक चश्मे कि आँ गिरयान-ए-ऊस्त

    हुमायूँ दिल कि आँ बिरयान-ए-ऊस्त

    बड़ी मुबारक है वो आँख जो उसके लिए रोती है

    (और) वो दिल बहुत मुबारक है जो उसके लिए जल भुन रहा है

    आख़िर-ए-हर गिर्यः आख़िर ख़ंदः-ईस्त

    मर्द-ए-आख़िर बीं मुबारक बंदः-ईस्त

    हर रोने के बा’द बिल-आख़िर हँसी है

    अंजाम पर नज़र रखने वाला मुबारक इन्सान है

    हर कुजा आब-ए-रवाँ सब्ज़ः बुवद

    हर कुजा अश्क-ए-रवाँ रहमत शवद

    जहाँ कहीं आब रवाँ हो, सब्ज़ा होता है

    जहाँ कहीं अश्क रवाँ हो रहमत होती है

    बाश चूँ दूलाब-ए-नालाँ चश्म-तर

    ता ज़ सहन-ए-जानत बर रूयद ख़ुज़र

    तू रहम चाहता है तो आँसू बहाने वाले पर रहम कर

    तू रहम चाहता है तो कमज़ोरों पर रहम कर

    अश्क ख़्वाही रहम कुन बर अश्क-बार

    रहम ख़्वाही बर ज़'ईफ़ाँ रहम आर

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