उमस
क्या अब्र की गर्मी में घड़ी पहर है उमस
गर्मी के बढ़ाने की अजब लहर है उमस
पानी से पसीनों की बड़ी नहर है उमस
हर बाग़ में हर दश्त में हर शहर है उमस
बरसात के मौसम में निपट ज़हर है उमस
सब चीज़ तो अच्छी है पर एक क़हर है उमस
बदली के जो घिर आने से होती है हवा बंद
फिर बंद सी गर्मी वो ग़ज़ब पड़ती है यक चंद
फेंके कोई पगड़ी कोई खोले है खड़ा बंद
दम रुक के घुला जाता है गर्मी से हर एक बंद
बरसात के मौसम में निपट ज़हर है उमस
सब चीज़ तो अच्छी है पर एक क़हर है उमस
इधर तो पसीनों से पड़ी भीगे हैं खाटैंं
गर्मी से उधर मील की कुछ च्यूंटियाँ काटें
कपड़ा जो पहनिये तो पसीने उसे आटैं
नंगा जो बदन रखिए तो फिर मक्खियाँ चाटैं
बरसात के मौसम में निपट ज़हर है उमस
सब चीज़ तो अच्छी है पर एक क़हर है उमस
रुकने से हवा के जो बुरा होता है अहवाल
पंखा कोई आँचल कोइ दामन कोई रुमाल
दम धोंकने लगता है लोहारों की गोया ख़ाल
कुछ रूह को बेताबियाँ कुछ जान को जंजाल
बरसात के मौसम में निपट ज़हर है उमस
सब चीज़ तो अच्छी है पर एक क़हर है उमस
उमस में तो लाज़िम है न पंखा न हवा हो
एक कोठरी हो जिस में धुआँ ख़ूब भरा हो
और मक्खियों के वास्ते गुड़ तन से मला हो
उस वक़्त मज़ा देखिए उमस का कि क्या हो
बरसात के मौसम में निपट ज़हर है उमस
सब चीज़ तो अच्छी है पर एक क़हर है उमस
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