प्यारे उलट कमल मो पलट देख ले मौजा
प्यारे उलट कमल मो पलट देख ले मौजा
सब घट मैं नाथ विराजा
नर लाल हुआ बेहाल पड़ा भ्रमजाला
क्यूँ फिरता भटका भूला
तैं डार सुधारस घटकु विखय बिख प्याला
पीकर हुआ मतवाला
चढ आवे तुज पर काल फ़ौज सों आला
को होय तेरा रखवाला
इस माया मों एक तरन गुरु महाराजा
मैं हूँ वो कहाँ का कौन कहाँ सो आया
ये सार बिचार न पाया
माँ बाप बेहन और भाई क़बीला माया
मैं मेरा कहाँ डुबवाया
संसार नरक का मूल नाहक़ लपटाया
कर याद गुरु वस्ताद पकर ले पाया
सुन छमा टाल ले हात ग्यान को नेजा
कर हुकुम फ़ौज मैं बाजे काल का डंका
तुझे फ़ाम नहीं ले नाम पीर मुर्शिद का
हो सवार साबुत तो बे घोड़ा मन का
चढ़ सवार सले बड़ा सुरतगडबांका
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